इन्सानों में मैने दिल की तलाश की हैं…
इन्सानों में मैने दिल की तलाश की हैं…
हर जिस्म में मैने सांसों की तलाश की हैं…
बाग़ में उडते हुए हर तितली के पिछे…
हर फूल में मैने खुशबू की तलाश की हैं…
सितारोंके आगे इक जहां और भी हैं…
रातों में मैने कहकशां की तलाश की हैं…
लहराते इन मौजों में खो गएं हैं लोग…
सागर में मैने मोतियोंकी तलाश की हैं…
गुज़र गया हैं जो वक्त वो तेरा था ही नहीं…
आनेवाले हर कल की मैने तलाश की हैं…
वक़्त इबादत का कहां से मिलेगा मुझको…
हर बुत में मैनें खुदा की तलाश की हैं…
तुने देखा हैं कहा उन हसीन लम्हों को ’पदम’…
ज़िंदगी भर मैने जिनकी तलाश की हैं…
हर फूल में मैने खुशबू की तलाश की हैं…
सितारोंके आगे इक जहां और भी हैं…
रातों में मैने कहकशां की तलाश की हैं…
सागर में मैने मोतियोंकी तलाश की हैं…
आनेवाले हर कल की मैने तलाश की हैं…
हर बुत में मैनें खुदा की तलाश की हैं…
ज़िंदगी भर मैने जिनकी तलाश की हैं…